कछुआ तंत्र: आर्थिक बाधाओं को दूर करने की साधना
कछुआ तंत्र धन प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए एक प्राचीन और रहस्यमयी साधना है। इस साधना में कछुआ, जो कि स्थिरता, धैर्य और समृद्धि का प्रतीक है, का उपयोग करके धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। इस साधना के माध्यम से व्यक्ति आर्थिक बाधाओं को दूर कर सकता है और अपने जीवन में धन और सफलता को प्राप्त कर सकता है।
कुबेर गायत्री शाबर मंत्रः छिपा हुआ धन हासिल करने या फिर कर्ज से मुक्ति के लिए कुबेर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इस साधना के लिए मृत कछुए के दांत का उपयोग किया जाता है। उसे चांदी के ताबीज में डालकर पहनें। तांत्रिक के बताए गए तंत्र-साधना को विधि-विधान से करें।
हवन सामग्री से निम्नलिखित मंत्र का 108 बार आहूति दें। ध्यान रहे हवन सामग्री में कमलगट्टा होना जरूरी है। हवन कार्य संपन्न होने पर उसकी भभूत को चांदी की ताबीज में डाल दें और पहन लें। इस तरह से सिद्ध ताबीज को पहने रहें और प्रतिदिन मंत्र का 11 बार जाप प्रातः पूजा-पाठ के दौरान अवश्य करें। जाप किया जाने वाला मंत्र इस प्रकार हैः-
ऊँ सोहम आकाश डिब्बी पाताल काटी, धरती का चूल्हा करूं आकाश को ड़ाया!
नवनाथ सिद्ध होने बैठकर भंडार किया ,चढ़े डिब्बे उतरे ऋद्धि-सिद्धि!
काली-पीली सिर जटा माई पार्वती का उपदेश, शिव मुख आवे शक्ति मुख जावे!
शिव मुख जावे हाथ खड़क तूतन की माला, जाप जपे श्री सूर्या वाला!
ऋद्धि पूरे हर घृत पुरे गणेश, अलील पुरे ब्रह्मा माया पूरे महाकाली!
हीरा पूरे हिंगलाज नवखंड में जोत जगाई, ऋद्धि लावो भंडारी माई!
ऋद्धि खुटे सदाशिव का जड़ाव टुटे, ऋद्धि खुटे माता सीता सतवंती का सत्य छुटे!
ऋद्धि खूटे माता पार्वती का कंगन टूटे, ऋद्धि खुटे मान धन का मान टूटे!
चंद्र सूर्य देव लाखी इतना कुबेर भंडार गायत्री जाप संपूर्ण भया!
कछुआ तंत्र की साधना के मुख्य पहलू:
कछुए का महत्व:
कछुआ तंत्र में कछुए को स्थिरता और धैर्य का प्रतीक माना जाता है। यह धन और समृद्धि को स्थिर रखने में मदद करता है।
कछुए का आकार और रूप भी महत्वपूर्ण होता है, और इसे विशेष तरीके से स्थापित किया जाता है।
अनुष्ठान और सामग्री:
साधना के लिए कछुआ, चांदी का सिक्का, हवन सामग्री, और विशेष मंत्रों की आवश्यकता होती है।
इन वस्तुओं का उपयोग करके विधि विधान से अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें धूप, दीप और हवन का समावेश होता है।
मंत्र जाप:
साधना के दौरान विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जो कि धन और समृद्धि को आकर्षित करने में सहायक होते हैं।
मंत्रों का सही उच्चारण और नियमित जाप साधना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होता है।
स्थापना और पूजा:
कछुए को घर या व्यवसाय स्थल पर विशेष दिशा में स्थापित किया जाता है।
नियमित पूजा और कछुए की आरती की जाती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कछुआ तंत्र साधना के लाभ:
धन प्राप्ति:
कछुआ तंत्र साधना धन प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। यह साधना धन के प्रवाह को बढ़ाती है और आर्थिक संकटों को दूर करती है।
आर्थिक स्थिरता:
इस साधना के माध्यम से व्यक्ति को आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है। धन और समृद्धि स्थिर रहते हैं और आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
सकारात्मक ऊर्जा:
कछुआ तंत्र साधना से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर और व्यवसाय स्थल में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
कर्म और भाग्य सुधार:
नियमित साधना से व्यक्ति के कर्म और भाग्य में सुधार होता है, जिससे जीवन में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
कछुआ तंत्र साधना एक प्रभावी और पारंपरिक विधि है जो व्यक्ति को आर्थिक बाधाओं से मुक्त कर धन और समृद्धि का रास्ता दिखाती है।
धन-संपदाः घर धन-संपदा से भरा रहे और घर बगैर किसी ताड़-फोड़ के वास्तुदोष से मुक्त हो जाए, उसके लिए समद्री कछुआ की प्रतिमा बहुत ही उपयोगी होता है। घर के पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति के पास कछुए की छोटी प्रतिम रखें।
इसकी कागज पर तस्वीर बनाकर भी रख सकते हैं। कछुए के नीचे नौ बार नौ अंक लिख दें। तुलसी की जुड़ी पत्तियां कछुए पर रखें और भगवान को पीले फल और वस्त्र चढ़ाएं। आरती के बाद प्रसाद लोगों को बांट दें और कछुए को आलमारी में छिपाकर रख दें। इससे घन-संपदा में कमी नहीं आती है।
घर का वस्तुदोषः यदि घर का वास्तु दोष ठीक हो तो पैसे की कमी भी दूर हो जाती है। रूका हुआ पैसा मिलने लगता है और कारोबार में भी उन्नति होती है। यदि आपका घर का कोई दरवाजा, रसोई या बाथरूम सही जगह नहीं हो, तो उसे तोड़ने के बजाय उनपर कछुए का निशान बना देने से वास्तु दोष ठीक किया जा सकता है।
कछुए का चित्र इस तरह बनाएं जिसका मुख नीचे जमीन की ओर हो और पूंछ ऊपर की ओर दिखे। इसे शाम को गोधुली की बेला में कछुए के रंग या फिर रक्त चंदन, कुमकुम या केसर से बनाएं। बनाने के बाद ओम कूर्मासनाय नमः का उच्चारण भी करते रहें। कछुए को धूप दीप दिखाकर उसपर गंगाजल का छिड़काव करें। इसके अतिरिक्त एक अन्य मंत्र ओम ह्रीं कूर्माय वास्तु पुरुषाय स्वाहाः!! का नित्य प्रातः पूजा के समय भी करें।
क्या है कछुए की विशेष बातें
एक जमाने में कछुआ घर का एक पालतू जीव हुआ करता था, लेकिन इसकी दुर्लभता के कारण कुछ पाबंदियों के चलते अब इसकी जगह धातु या स्फटिक के छोटे-छोटे कछुए ने ली है. आइए जानते हैं इससे संबंधित कुछ विशेष बातें:-
धन प्राप्ति के सूचक कछुए से धन संबंधी परेशानी को दूर किया जा सकता है. इसके लिए वास्तु और फेंगशुई के अनुसार कार्यस्थल या तिजोरी में पर क्रिस्टल कछुए को रखना चाहिए.
ज्योतिष के अनुसार आर्थिक परेशानी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण आती है. क्रिस्टल या धातु का कछुआ इसे दूर कर देता है और समास्याओं से ग्रसित अस्त-व्यस्त जीवनशैली को दुरूस्त बना देता है.
कछुए को किसी भी शुभ दिन घर में रखा जा सकता है, लेकिन गुरुवार का दिन सबसे श्रेष्ठ दिन माना गया है. कारण को भगवान विष्णु के एक अवतारों में से एक अवतार कछुआ का भी था. गुरुवार भगवान विष्णु का दिन होता है. इस कारण इस दिन उत्तर दिशा की ओर मुंह कर घर या आफिस में कछुआ रखने से दुगुने परिणाम मिलते हैं.
यदि जन्म कुंडली के अनुसार चंद्रमा अशुभ प्रभाव दे रहा हो तब कछुआ के लिए आटे की गोलियां बनाकर उसके पाए जाने वाले नदी या तालाब में डालें.
कछुए को किसी कांच की कटोरी में रखें और उसमें थोड़ा पानी डाल दें. मुंह घर के अंदर की ओर होना चाहिए इसके विभिन्न आकार-प्रकार और रंग पर भी ध्यान देना चाहिए.
यदि आप कोई नया कारोबार शुरू किया है या नई दुकान खोली है तो चांदी का कछुआ रखना अच्छा होता है. इनसे किसी की बुरी नजर नहीं लगती है.
शांत और मंदगति से चलने वाले कछुए के प्रतीक को हमेशा ड्राइंग रूम में रखें और इसे कभी भी बेडरूम में नहीं रखें.
घर की शोभा बढ़ाने के लिए कभी भी दो कछुआ एक साथ नहीं रखना चाहिए.