भगवान कृष्ण हिंदू देवताओं में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। भगवान कृष्ण सार्वभौमिक रूप से लोकप्रिय हैं और न केवल हिंदू धर्म में बल्कि अन्य धर्मों के कई लोगों द्वारा उनकी पूजा की जाती है। भगवान कृष्ण भगवान विष्णु (ब्रह्मांड के निर्माता) के आठवें अवतार हैं। कृष्ण सभी हिंदू देवताओं में सबसे तेजतर्रार और गतिशील हैं। वेदों के अनुसार, बृज में जन्मे और पले-बढ़े कृष्ण एक बेहद शरारती बालक थे जो गाँव में घूम-घूम कर गाँव की महिलाओं के बर्तन से मक्खन चुराते थे।
कृष्ण शांति, समृद्धि, प्रेम और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करते हैं। कृष्ण के भक्त अहंकार, अहंकार और समाज के दोषों से मुक्त महसूस करते हैं। भगवान कृष्ण राधा के प्रति अपने शाश्वत प्रेम के लिए जाने जाते हैं। भगवान कृष्ण की पूजा करके, कोई भी व्यक्ति अपने प्रेम को विवाह में बदलने में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकता है। कृष्ण मंत्र विवाहित जोड़े को एक आनंदमय वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देता है।
जो लोग अपने प्रेम जीवन या विवाहित जीवन में किसी भी समस्या या परेशानी का सामना कर रहे हैं, उन्हें नियमित रूप से भगवान कृष्ण मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है।
मंत्र :
ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:
ज्योतिषियों की मानें तो राहु केतु मंगल और शनि प्रेम विवाह के कारक माने जाते हैं। विवाह भाव में राहु-केतु शनि और मंगल की उपस्थिति होने पर जातक के प्रेम विवाह के योग बनते हैं।
मंत्र :
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ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:।।
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यह एक ऐसा मंत्र है जो मात्र विवाह से जुड़ा है. जो भी जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से विवाह तक बात नही पहुंच पा रही हो या प्रेमी पर भरोसा नहीं हो रहा हो तो जातक प्रात: काल स्नान के बाद मानसिक रूप से ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें. कुछ ही दिनों में उन्हें चमत्कारी परिणाम प्राप्त होंगे.
मंत्र :
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ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो।।
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यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन अवश्य है, लेकिन ये मंत्र उतना ही प्रभावशाली है. ये मंत्र वाणी के लिए वरदान का काम करता है. यहां वाणी से अर्थ उनके लिए नहीं है जो अपनी आवाज खो चुके हों, ये मंत्र उन्हें वाणी प्रदान करता है अर्थात् ऐसी शक्ति जिससे आपकी वाणी की क्षमता मजबूत हो जाती है और जो भी बोलें वह सही सिद्ध हो जाता उसे वाक शक्ति कहते है
मंत्र :
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री।।
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यह 26 अक्षरों वाला भगवान कृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है. एक मान्यता ये भी है कि जो भी जातक इस श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती. उसकी धन से संबंधित सभी बाधाएं इस मंत्र के नियमित प्रयोग से दूर हो जाती हैं.
मंत्र :
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री।।
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यह 26 अक्षरों वाला भगवान कृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है. एक मान्यता ये भी है कि जो भी जातक इस श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती. उसकी धन से संबंधित सभी बाधाएं इस मंत्र के नियमित प्रयोग से दूर हो जाती हैं.
मंत्र :
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लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा।।
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भगवान कृष्ण के इस मंत्र का जो भी जातक एक लाख बार जप के साथ घी, शक्कर और शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन करे तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है.